नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 - सामान्य परिचय। सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में पीडीएफ डाउनलोड
"खेलोगे कूदोगे तो होगे खराब
पढ़ोगे-लिखोगे और खेलोगे-कूदोगे तो बनोगे नवाब "
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020- 29 जुलाई 2020 दिन बुधवार को मोदी केबिनेट ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को पास कर दिया है। वर्तमान शैक्षिक परिप्रेक्ष्य से इस नई नीति को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसी दौरान मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRd Ministry) का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है।

1947 के बाद से देश का यह चौथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति है। सर्वप्रथम 1968 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति जारी किया गया था जिसे 1964 में डॉ. डीएस कोठारी की अध्यक्षता वाली समिति कोठारी आयोग भी कहा जाता है, ने प्रतिवेदन तैयार किया था।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 में वह तीसरी 1992 में लागू की गई थी, चूंकि 1992 की नीति में बहुत कम बदलाव हुए थे, 1986 की नीति ज्यों की त्यों रही थी। इसलिए कई जगह इस नीति के नाम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986/ 1992 देखने को मिलता है।
सरकार ने प्रेसवार्ता में बताया था कि New Education Policy 2020 या National Education Policy 2020 (NEP 2020) को अंतिम रूप देने से पूर्व लाखों लोगों से सुझाव लिए गए हैं, इनमें माता पिता, अध्यापक, प्राध्यापक, विशेषज्ञ, चिकित्सक व वैज्ञानिक आदि शामिल है। इसके अलावा देश के सभी 22 भाषाओं में NEP ड्राफ्ट तैयार कर सुझाव/ बदलाव संबंधित राय मांगे गए थे। संसदीय स्थाई समिति(Parliamentary Standing Committee) से भी इस मुद्दे पर राय ली गई थी।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को तैयार करने में डॉ. के. कस्तूरीरंगन का अहम योगदान है। वर्ष 2016 में गठित डॉ. के. कस्तूरीरंगन समिति में 5 सदस्य थे, इस समिति ने सरकार को अपना रिपोर्ट 31 मई 2019 को सौंपी थी।
शिक्षा नीति 2020 का मसौदा तैयार करने के लिए 2015 में टीएसआर सुब्रमण्यम समिति का गठन किया गया था। इस समिति ने सरकार को अपनी रिपोर्ट 27 मई 2016 को सौंपा था जिसे अस्वीकार कर दिया गया। इसके बाद अंतरिक्ष वैज्ञानिक डॉ.के. कस्तूरीरंगन समिति को NEP 2020 का नए सिरे से मसौदा तैयार करने को कहा गया था।